जिसने वेनेजुएला की जनता को मुफ्तखोर बनाकर वेनेजुएला को बर्बाद और दिवालिया कर दिया
लातिनी अमेरिकी देश वेनेजुएला में "प्रेज़िडेंट ह्यूगो शावेज़".. जिसने वेनेजुएला की जनता को मुफ्तखोर बनाकर
वेनेजुएला को बर्बाद और दिवालिया कर दिया ।
अभी 5-6 वर्ष पहले तक दुनिया में सबसे सस्ता पैट्रोल वेनेज़ुएला में मिलता था ... 64 पैसे प्रति लीटर (2014)
वेनेज़ुएला में 5-6 वर्ष पहले तक किसी तरह का कोई टैक्स नहीं था।
वहां शुरु से अन्त तक पूरी पढ़ाई मुफ्त, हर तरह की मैडिकल मदद पूरी तरह से मुफ्त, बिजली मुफ्त, पानी मुफ्त, लोकल ट्रांसपोर्ट मुफ्त थी।
वहां हर व्यक्ति को नौकरी,और नौकरी न होने की स्थिति में पर्याप्त बेरोजगारी भत्ता...
और प्रत्येक नागरिक को एक निर्धारित मासिक भत्ते का सरकारी "लालीपॉप" थमा दिया।
जनता इस लालीपॉप को चूसती रही, और उसका योगदान देश की अर्थव्यवस्था में न के बराबर रहा।
सरकार केवल तेल बेचकर इन सब खर्चों की पूर्ति करती रही।
सिर्फ 5-6 वर्ष पहले तक वेनेज़ुएला में जीवन गुज़ारना वहां के नागरिकों के लिए एक जीवन भर की मौज मस्ती थी।
और आज, वर्तमान समय के हालात इतने बुरे हैं कि दुनिया को सबसे अधिक विश्व सुन्दरी देने वाले देश की बेटियां जो कल तक अपने देश में पुलिस ऑफिसर, प्रोफेसर, अध्यापिका, नर्स, अखबार की रिपोर्टर आदि बतौर सम्मानजनक नौकरियां कर रही थीं,
आज पड़ोसी देश कोलम्बिया जाकर 10-10 अमेरिकन डॉलर के लिए अपना शरीर बेचने को मजबूर हो गयी है,
ताकि अपने देश में छूट गये मां बाप, या भाई बहन, या पति व बच्चों के लिये महीने में 500-600 अमेरिकन डॉलर भेज सकें।
आखिर ऐसा क्या हुआ...कि 5-6 वर्ष पहले का स्वर्ग इतनी जल्दी वहां के लोगों के लिए नरक बन गया?
जवाब बहुत साफ है
वेनेज़ुएला में पिछले लम्बे समय से वामपंथी सरकारों का ज़ोर चल रहा था, भ्रष्टाचार चरम पर था, खर्चे व सब्सिडी भयंकर थीं,
तेल उत्पादन के अलावा किसी भी दूसरे उत्पादन पर किसी तरह की कोशिश की ही नहीं जा रही थी,
भ्रष्टाचार और सब्सिडी की वजह से वेनेजुएला का खज़ाना लगभग खाली था।
और इसीलिए 2014 में अचानक ही वेनेज़ुएला में हर चीज दिन दुगनी, रात चौगुनी मंहगी होती गई।
आज इतनी मंहगाई है.. कि एक महीने की सैलरी से सिर्फ एक पैकेट पास्ता खरीदने के अलावा कुछ नहीं कर सकते,
UN के अनुसार 2019 में मंहगाई 1 लाख प्रतिशत तक बढ़ गई।
1 लाख प्रतिशत, मतलब जो चीज आज 1 रुपये की है वही साल भर बाद 1 लाख रुपये की।
वेनेजुएला की मुद्रा बोलिवर है और इसका सबसे बड़ा नोट एक लाख बोलिवर का है।
मगर बाजार में इसकी कीमत कुछ भी नहीं।
वेनेजुएला में अब एक लाख बोलिवर में कुछ नहीं खरीदा जा सकता।
वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छाप रही है जिससे यहां की मुद्रा बोलीवर की कीमत लगातार घट रही है।
हालत यह है कि एक डॉलर 35 लाख बोलिवर के बराबर हो गया है।
जब तक वेनेजुएला में तेल बेच-बेचकर पैसा आ रहा था और शावेज जनता पर पैसा बरसा रहे थे, तब तक सब ठीक था।
हालांकि, अर्थशास्त्री तब भी' शावेज की सोशलिस्ट (मुफ्तखोरी) पॉलिसी को खतरा बता रहे थे, लेकिन तब सबके कानों में मुफ्तखोरी का तेल पड़ा हुआ था।
आज वेनेजुएला की करंसी बोलिवर का आलम यह है कि लोग एक किलो मीट के लिए 1.5 करोड़ बोलिवर तक दे रहे हैं।
एक कप कॉफी के लिए 25 लाख बोलिवर तक दे रहे हैं।
औरतें अपने बाल बेचकर पैसे इकट्ठा कर रही हैं।
हर 35 दिनों में चीज़ों के दाम दोगुने हो रहे हैं।
आज यहां 5 में से 4 लोग गरीब हैं।
होटल-रेस्ट्रॉन्ट में लोग अपना बैंक बैलेंस दिखा रहे है कि उनके पास पेमेंट करने के लिए पैसे हैं।
जिनके पास खाने का पैसा नहीं, वो लूट-मार कर रहे हैं।
2014 से अब तक पेट्रोल कीमतें 8000% से ज़्यादा बढ़ चुकी हैं।
राशन लेने के लिए लोग 65-65 घंटे कतार में खड़े होते हैं।
गोदामों के बाहर सैनिक तैनात रहते हैं।
बाल काटने के एवज में नाई ले रहा अंडे और केले, लोग फिलहाल खाने और दवाइयों के लिए भी मोहताज हैं।
बिजली, पानी और यातायात से जूझ रहे हैं वेनेजुएला के लोग। (ये सब पहले इन्हें मुफ्त में मिल रहा था)
बेरोजगारी बढ़ने से अपराध में तेजी से इजाफा हो रहा है
जूता मरम्मत के 20 अरब बोलिवर
आज वेनेजुएला में न्यूनतम मजदूरी 1 अमेरिकी डॉलर प्रति माह के करीब है.
साभार
Comments
Post a Comment